राजा ने क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके तहखाने मे छुपा दिया, खजाने की एक चाबी राजा और एक मंत्री के पास थी। एक रोज़ राजा खजाने को देखने निकला, उसी वक्त मंत्री भी उस इलाके से निकला और देखा की खजाने का दरवाजा खुला है वो हैरान हो गया कि कही कल रात जब मैं खजाना देखने आया तब शायद खजाना का दरवाजा खुला रह गया होगा, उसने खजाने का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। खजाने को निहारने के बाद राजा दरवाजे के पास आया तो दरवाजा बाहर से बंद था, उसने दरवाजा पीटना शुरू किया पर उनकी आवाज सुनने वाला कोई ना था
राजा भूख और पानी की प्यास से बेहोश हो गया
राजा को होश आया, वो दुनिया को एक पैगाम देना चाहता था, राजा ने पत्थर से अपनी उंगली फोड़ी और खून से दीवार पर कुछ लिख दिया। उधर मंत्री खजाने को देखने आया तो देखा कि राजा हीरे जवाहरात के बिस्तर पर मरा था और लाश को कीड़े मोकड़े खा रहे थे। दीवार पर खून से लिखा हुआ था, ये सारी दौलत एक घूंट पानी ओर एक निवाला नही दे सकी
राजा भूख और पानी की प्यास से बेहोश हो गया
राजा को होश आया, वो दुनिया को एक पैगाम देना चाहता था, राजा ने पत्थर से अपनी उंगली फोड़ी और खून से दीवार पर कुछ लिख दिया। उधर मंत्री खजाने को देखने आया तो देखा कि राजा हीरे जवाहरात के बिस्तर पर मरा था और लाश को कीड़े मोकड़े खा रहे थे। दीवार पर खून से लिखा हुआ था, ये सारी दौलत एक घूंट पानी ओर एक निवाला नही दे सकी
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